जयपुर। राज्य सरकार एवं प्रदेश मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के प्रयासों से कोरोना वायरस संक्रमण, लॉकडाउन एवं प्रवासियों के लौटने की कड़ी चुनौतियों के बीच भी जब डूंगरपुर जिला में महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत स्थानीय स्तर पर ही ढ़ाई लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला तो लोगों के मन में निराशा के बीच आशा की नई किरणें चमक उठी।
राजस्थान के दक्षिण में स्थित जनजाति बाहुल्य डूंगरपुर जिला में पहाड़ी क्षेत्र होने, लघु एवं सीमान्त मौसम आधारित कृषि होने तथा बड़े उद्योगों के अभाव में यहां के हजारों लोग अन्य राज्यों एवं देशों में रोजगाररत है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण वापस अपने घर लौटे प्रवासियों के साथ ही लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए स्थानीय निवासियों के लिए भी रोजगार की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी। इस बीच राज्य सरकार के निर्देशानुसार महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत रोजगार की उपलब्धता यहां के निवासियों के लिए वरदान साबित हुई है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलक्टर श्री कानाराम ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान स्थानीय स्तर पर महात्मा गांधी नरेगा योजना से 2.97 लाख ग्रामीणाें को रोजगार मिलने से आर्थिक संबल मिला है। उन्होंने बताया कि डूंगरपुर जिले में लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्य गतिविधियां बाधित होने से ग्रामीणाें के साथ रोजगार का संकट खड़ा हो गया। ऎसी विकट स्थिति में महात्मा गांधी नरेगा योजना ने आर्थिक संबल प्रदान किया है। अभी डूंगरपुर जिले में 9 हजार 321 कार्याे पर 2 लाख 97 हजार 846 श्रमिक नियोजित है तथा आवश्यकता के अनुसार ओर कार्य स्वीकृत किए जा रहें हैं। कार्य संपादन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग एवं बार-बार साबून से हाथ धोने की एडवायजरी का पूर्ण पालन किया जा रहा है। विषम परिस्थितियों में भी स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने से जिले के निवासी सरकार का आभार व्यक्त कर रहें हैं।